Vernier caliper and least count of Vernier caliper

मापन विज्ञान के क्षेत्र में, सटीकता और विश्वसनीयता बेहद महत्वपूर्ण हैं। चाहे आप एक इंजीनियर हों, एक वैज्ञानिक, या फिर एक सामान्य उपयोगकर्ता, मापने के लिए एक उपकरण की आवश्यकता होती है जो सटीक और प्रभावी हो। इस संदर्भ में, वर्नियर कैलिपर (Vernier Caliper) का नाम सबसे पहले आता है। यह उपकरण मापने के कई कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है, विशेष रूप से उन कार्यों में जहाँ उच्च सटीकता की आवश्यकता होती है। इस ब्लॉग में, हम वर्नियर कैलिपर के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे, जिसमें इसका इतिहास, संरचना, कार्यप्रणाली, और इसके विभिन्न उपयोग शामिल हैं।

वर्नियर कैलिपर का इतिहास(History of Vernier Caliper)

वर्नियर कैलिपर का आविष्कार 1631 में फ्रांसीसी वैज्ञानिक पियरे वर्नियर ने किया था। उन्होंने इस उपकरण को एक सरल रेखीय माप प्रणाली के रूप में विकसित किया, जो छोटे से छोटे अंतराल को मापने में सक्षम हो। यह उपकरण समय के साथ विकसित हुआ और आज यह विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है। पियरे वर्नियर का आविष्कार वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जिसने मापन की सटीकता को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया।

least count of Vernier calipervernier caliper:-

Vernier कैलिपर की लेस्ट काउंट वह सबसे छोटी माप होती है जिसे इस यंत्र द्वारा सटीक रूप से पढ़ा जा सकता है। इसे निम्नलिखित सूत्र का उपयोग करके गणना किया जाता है:Least Count=एक मुख्य स्केल विभाजन का मान−एक वर्नियर स्केल विभाजन का मान\text{Least Count} = \text{एक मुख्य स्केल विभाजन का मान} – \text{एक वर्नियर स्केल विभाजन का मान}Least Count=एक मुख्य स्केल विभाजन का मान−एक वर्नियर स्केल विभाजन का मान

एक मानक Vernier कैलिपर के लिए:

  • मुख्य स्केल पर आमतौर पर मिलीमीटर (mm) में विभाजन होते हैं।
  • वर्नियर स्केल पर 10 विभाजन होते हैं, जो मुख्य स्केल पर 9 विभाजनों के साथ मेल खाते हैं।

यदि एक मुख्य स्केल विभाजन 1 mm है, और वर्नियर स्केल के 10 विभाजन 9 mm पर मुख्य स्केल के साथ मेल खाते हैं:Least Count=1 mm10=0.1 mm=0.01 cm\text{Least Count} = \frac{1 \text{ mm}}{10} = 0.1 \text{ mm} = 0.01 \text{ cm}Least Count=101 mm​=0.1 mm=0.01 cm

तो, इस Vernier कैलिपर की लेस्ट काउंट 0.01 cm या 0.1 mm होती है।

अलग-अलग Vernier कैलिपर्स के डिजाइन के आधार पर लेस्ट काउंट अलग हो सकती है, लेकिन 0.01 cm या 0.1 mm आमतौर पर अधिकांश मानक मॉडलों के लिए होती है।

वर्नियर कैलिपर की संरचना

वर्नियर कैलिपर एक जटिल लेकिन समझने में आसान उपकरण है। इसकी संरचना मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित होती है:

  1. मुख्य स्केल (Main Scale): यह कैलिपर का सबसे लंबा हिस्सा होता है, जिसमें माप के मानक अंकित होते हैं। मुख्य स्केल पर मिलीमीटर या इंच में माप अंकित होते हैं, जो कि किसी वस्तु की बाहरी माप को मापने में मदद करते हैं।
  2. वर्नियर स्केल (Vernier Scale): यह एक छोटा स्केल होता है, जो मुख्य स्केल के साथ स्लाइड करता है। वर्नियर स्केल का उपयोग मुख्य स्केल पर अंकित माप के अलावा अतिरिक्त दशमलव स्थानों को मापने के लिए किया जाता है। इससे मापन की सटीकता बढ़ जाती है।
  3. जॉ (Jaws): वर्नियर कैलिपर में दो प्रकार के जॉ होते हैं: बाहरी माप के लिए बाहरी जॉ और आंतरिक माप के लिए आंतरिक जॉ। बाहरी जॉ का उपयोग किसी वस्तु के बाहरी व्यास को मापने के लिए किया जाता है, जबकि आंतरिक जॉ का उपयोग छिद्रों, स्लॉट्स, आदि के आंतरिक व्यास को मापने के लिए किया जाता है।

वर्नियर कैलिपर की कार्यप्रणाली

वर्नियर कैलिपर का उपयोग बेहद सरल है, लेकिन इसे सही तरीके से समझने के लिए कुछ बुनियादी बातें जाननी जरूरी हैं। सबसे पहले, मापने वाली वस्तु को कैलिपर के जॉ के बीच रखा जाता है। इसके बाद, वर्नियर स्केल को स्लाइड करके इसे वस्तु के संपर्क में लाया जाता है। मुख्य स्केल पर जो माप दिखाई देता है, वह वस्तु का मोटा माप होता है। इसके बाद, वर्नियर स्केल पर उस स्थान को देखा जाता है, जहाँ वह मुख्य स्केल के साथ संरेखित होता है। इस अतिरिक्त माप को मुख्य माप में जोड़कर सटीक माप प्राप्त किया जाता है।

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वर्नियर कैलिपर के प्रयोग में ध्यान देने योग्य बातें:

  1. साफ-सफाई: वर्नियर कैलिपर का उपयोग करने से पहले इसे साफ और सूखा रखना चाहिए। किसी भी प्रकार की धूल या गंदगी माप की सटीकता को प्रभावित कर सकती है।
  2. शून्य जांच (Zero Check): मापन शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वर्नियर कैलिपर का शून्य बिंदु सही स्थिति में है। यदि शून्य बिंदु सही नहीं है, तो माप में त्रुटि हो सकती है।
  3. हल्का दबाव: वर्नियर कैलिपर को मापते समय हल्के हाथों से पकड़ें। अत्यधिक दबाव से माप में विकृति हो सकती है।

वर्नियर कैलिपर के प्रकार

वर्नियर कैलिपर कई प्रकार के होते हैं, जो विभिन्न आवश्यकताओं के अनुसार उपयोग किए जाते हैं:

  1. डायरेक्ट वर्नियर कैलिपर: यह सबसे सामान्य प्रकार का कैलिपर है, जिसमें माप सीधे मुख्य और वर्नियर स्केल के संरेखण के माध्यम से प्राप्त होता है।
  2. डायल वर्नियर कैलिपर: इस प्रकार के कैलिपर में एक डायल होता है, जो माप को और भी आसान बना देता है। यह माप को सीधे डायल पर दिखाता है, जिससे उपयोगकर्ता को आसानी होती है।
  3. डिजिटल वर्नियर कैलिपर: यह सबसे उन्नत प्रकार का कैलिपर है, जिसमें माप एक डिजिटल स्क्रीन पर प्रदर्शित होता है। इसका उपयोग करना बेहद सरल होता है, और यह सबसे सटीक माप प्रदान करता है।

वर्नियर कैलिपर के उपयोग

वर्नियर कैलिपर का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे कि:

  1. इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग: वर्नियर कैलिपर का उपयोग इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग में बड़े पैमाने पर किया जाता है, जहाँ धातु, लकड़ी, और अन्य सामग्री के सटीक माप की आवश्यकता होती है। इससे उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।
  2. वैज्ञानिक अनुसंधान: विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों में वर्नियर कैलिपर का उपयोग किया जाता है, जहाँ सटीकता और पुनरावृत्ति महत्वपूर्ण होती है। यह उपकरण छोटे से छोटे बदलावों को मापने में सक्षम होता है।
  3. शैक्षणिक उपयोग: स्कूलों और कॉलेजों में वर्नियर कैलिपर का उपयोग छात्रों को सटीक मापन की शिक्षा देने के लिए किया जाता है। यह छात्रों को मापन की वैज्ञानिकता और महत्व को समझने में मदद करता है।
  4. चिकित्सा उपकरण: चिकित्सा उपकरणों के निर्माण में वर्नियर कैलिपर का उपयोग किया जाता है, जहाँ सटीकता महत्वपूर्ण होती है। इसके द्वारा बनाए गए उपकरण मरीजों की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वर्नियर कैलिपर की देखभाल

वर्नियर कैलिपर की देखभाल करना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि यह लंबे समय तक सही ढंग से कार्य करता रहे। इसके लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. नियमित सफाई: वर्नियर कैलिपर को हर उपयोग के बाद साफ करें। इसके लिए एक साफ कपड़े का उपयोग करें, ताकि उपकरण पर कोई गंदगी या धूल न रहे।
  2. तेल लगाना: वर्नियर कैलिपर के चलने वाले हिस्सों पर समय-समय पर हल्का तेल लगाना चाहिए, ताकि इसके हिस्से आसानी से काम करते रहें।
  3. स्टोरेज: वर्नियर कैलिपर को उपयोग के बाद एक सुरक्षित स्थान पर रखें, जहाँ वह गिरने या नुकसान होने से बचा रहे। इसे हमेशा एक कवर या बॉक्स में रखना चाहिए।
  4. शून्य जांच: हर बार उपयोग से पहले शून्य बिंदु की जांच करना न भूलें, ताकि माप में कोई त्रुटि न हो।

निष्कर्ष

वर्नियर कैलिपर एक अत्यंत महत्वपूर्ण और सटीक उपकरण है, जिसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। इसकी सटीकता और सरलता इसे मापन के लिए एक आदर्श उपकरण बनाती है। चाहे वह वैज्ञानिक अनुसंधान हो, इंजीनियरिंग हो, या शैक्षणिक उपयोग, वर्नियर कैलिपर ने मापन के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी है। इसकी देखभाल और सही उपयोग से यह लंबे समय तक सटीक माप प्रदान कर सकता है।

इस ब्लॉग के माध्यम से, हमने वर्नियर कैलिपर के विभिन्न पहलुओं को समझने की कोशिश की। यह उपकरण, अपनी सटीकता और विश्वसनीयता के कारण, किसी भी माप के कार्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। जब भी आपको किसी वस्तु का सटीक माप लेना हो, तो वर्नियर कैलिपर को अपनी प्राथमिकता बनाएं, क्योंकि यह उपकरण निश्चित रूप से आपको निराश नहीं करेगा।

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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम संजय कुमार कुशवाहा है, और मैं उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले से हूं। मैं एक ब्लॉगर हु जो www.skmechanicaltech.com और Pipe Fitter Formula साईट का संस्थापक हु ।

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